बिहार चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आ जाएंगे और पता चल जायेगा की इस बार बिहार की सत्ता पर कौन काबिज़ होने जा रहा है मगर एग्जिट पोल्स की माने तो महागठबंधन बिहार में सरकार बनाने जा रहा है और तेजस्वी यादव बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे.
वहीँ इस बार बिहार चुनाव में लोजपा रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान की अगुवाई में मैदान में उतरी थी. यह तो 10 तारीख के नतीजे ही बताएंगे की NDA से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला चिराग पासवान के लिए फायदे का सौदा साबित होता है या नहीं मगर एग्जिट पोल्स की बात करे तो चिराग पासवान ने NDA का खेल ज़रूर खराब कर दिया है.
चिराग पासवान ने अकेले चुनावी मैदान में उतारकर ऐसा तीर छोड़ा की नितीश कुमार की कुर्सी चरमरा गई है. वहीँ अगर लोजपा NDA के साथ चुनाव लड़ती तो शायद एग्जिट पोल्स के नतीजे कुछ और ही होते.
दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल को छोड़ दिया जाये तो सभी एग्जिट पोल्स के मुताबिक बिहार में महागठबंधन की सरकार बन रही है. महागठबंधन को जहां 140-150 सीटें मिलती दिख रही है वहीँ NDA को मात्र 70-91 सीटें ही प्राप्त हो रही है वहीँ LJP को 5-15 सीटें मिलती दिखाई दे रही है. वोटिंग परसेंटेज की बात करे तो महागठबंधन को 44 प्रतिशत, NDA को 39 और लोजपा को 7 प्रतिशत वोट मिलता दिखाई दे रहा है.
आपको बतादें की सीटों के बटवारे से नाखुश चिराग पासवान ने NDA से अपनी राह अलग कर ली थी. लोजपा ने कुल 135 उमीदवार चुनाव में उतारे थे. गिनती की सीटें छोड़ दे तो ज़्यदातर सारे प्रत्याशी JDU के खिलाफ चुनाव मैदान में थे.
एग्जिट पोल के हिसाब से भले ही चिराग पासवान को कम सीटें मिल रही है मगर उसने बीजेपी के बागी विधायकों को टिकट देकर NDA का सारा खेल ज़रूर बिगाड़ दिया है. माना जा रहा है की लोजपा ने NDA के दलित और महादलित वोटों में सेंधमारी की है.
एक्सिस माय इंडिया के अनुसार LJP ने सीधे तौर पर 30-40 सीटों पर JDU को नुक्सान पहुँचाया है. अगर NDA के वोट शेयर में LJP का वोट शेयर मिला दिया जाए तो वह महागठबंधन के वोट शेयर से 2 फीसदी ज्यादा ही दिखाई पड़ रहा है. 2 फीसदी वोट किसी भी चुनाव का चेहरा बदल सकते है.
बिहार1st बिहारी1st डॉक्यूमेंट के साथ चिराग शुरू से ही नितीश कुमार पर निशाना साधते रहे.
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