बिहार चुनाव में कल दूसरे चरण के मतदान होने है मगर उससे ठीक पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवन की मौत को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने अपने दावे में कहा है की रामविलास पासवान की मौत 2-3 दिन पहले ही हो चुकी थी मगर जान करके उनकी मौत को छिपाया गया.
जीतन राम मांझी ने यह खुलासा ABP News से बातचीत के दौरान कहा. उन्होंने कहा की इलाज के लिए भर्ती हुए बड़े नेता का हर रोज़ मेडिकल बुलेटिन जारी होता है मगर उनके केस में ऐसा नहीं था. आखिर उनका मेडिकल बुलेटिन जारी क्यों नहीं होता था. इसके पीछे किसकी साजिश है. इसमें उन्हें साजिश की बू आ रही है. इससे किसको फ़ायदा होने वाला था. इन सबकी न्यायनिक जांच होनी चाहिए।
इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है जिसमें मांझी ने मेडिकल बुलेटिन जारी न करने पर सवाल उठाये है. साथ ही उन्होंने चिराग पासवान की भूमिका पर भी सवाल खड़े किये है. मांझी ने लेटर में उस वायरल वीडियो का भी ज़िक्र किया है जिसमें रामविलास पासवान की मृत्यु के अगले दिन चिराग पासवान शूट करते नज़र आ रहे है.
वहीँ दूसरी तरफ चिराग पासवान ने मांझी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है “शर्म आनी चाहिए उन्हें। जब मेरे पिता जी अस्पताल में थे तब मेरी बात मांझी जी से हुई थी और उस वक्त मैंने बता दिया था कि उनकी तबीयत बहुत खराब है.”
बिहार चुनाव पर बात करते हुए मांझी ने कहा की बिहार में इस बार NDA की सरकार ही बनने जा रही है. NDA की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता. महागठबंधन के मुख्यमंत्री के चेहरे तेजस्वी यादव और लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान के बारे में मांझी ने कहा की वह इस चुनाव में कहें नहीं ठहरते. तेजस्वी उन लोगों का साथ दे रहे है जिनके ऊपर आपराधिक मामले दर्ज़ है. जनता को वह मूर्ख नहीं बना सकते.
उन्होंने आगे कहा की बिहार का यह चुनाव साबित कर देगा की दलितों का असली नेता कौन है. दरअसल रामविलास पासवान के जाने के बाद सभी की नज़रें दलित वोटबैंक पर तिकी है और सभी खुद को दलितों का सबसे बड़ा नेता बनाने की होड़ में लगे है जिसमें जीतन राम मांझी भी एक है.
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