पिछले 15 दिनों से आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच चल रहे युद्ध को अस्थाई विराम देने के लिए राजी हो गए है. रूस के राजधानी मास्को की तरफ से यह आधिकारिक जानकारी दी गई है.
रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पुतिन की पहल पर दोनों देश बातचीत के लिए राज़ी हुए थे. मास्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की देखरेख में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच 10 घंटे लम्बी बातचीत हुई जिसके बाद दोनों देशों ने यह फैसला लिया.
आज दोपहर 12 बजे से दोनों देशो के बीच युद्धविराम शुरू हो गया है. दोनों देश शांति पूर्वक एक-दूसरे देश के सैनिकों के शव और युद्धबंदियों को वापस लौटाएंगे. दोनों देशो ने एक दूसरे पर शहरी ठिकानों पर गोलाबारी करने का आरोप लगाया है.
इस जंग में अब तक दोनों तरफ से सैंकड़ो लोगों की जान जा चुकी है. दोनों देशों के सैनिक मारे गए हैं, टैंक, ड्रोन और हेलिकॉप्टर्स को भी नुकसान पहुंचा है.
आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध का कारण है 4400 वर्ग किलोमीटर में फैला नागोर्नो-काराबाख नाम का इलाका।
इस इलाके को लेकर 1991 से दोनों देशों के बीच संगर्ष चल रहा है जिसने अब युद्ध का रूप ले लिया.
आइये आपको बताते है कुछ ख़ास बातें