भारत सरकार के चीनी एप्प को बैन करने के फैसले के बाद अमेरिका ने भी ऐसा ही एक फैसला लिया है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस फैसले पर अपनी सहमति देते हुए एक कार्यकारी आदेश पर मुहर लगा दी है जिसके बाद दो बड़े चीनी एप्प का अमेरिका से कारोबार समेटना लगभग तय है। यह दो एप्प भारत सहित पूरी दुनिया मे काफी लोकप्रिय थे। इनमे से पहला एप्प जहां टिकटॉक है वहीं दूसरा वी-चैट है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने टिकटॉक पर बैन लगाने की धमकी दी थी। साथ ही यह भी कहा था कि माइक्रोसॉफ्ट अगर टिकटॉक को खरीद लेता है तो यह एप्प अमेरिका में बिज़नेस कर सकता है। हालांकि यह डील अभी तक नही हो सकी और अब एक हफ्ते के भीतर ही राष्ट्रपति ने एक कार्यकारी आदेश जारी कर दिया है।
इस आदेश के प्रभावी होने में 45 दिन का समय मिलता है और ये किसी भी अमेरिकी कंपनी या व्यक्ति पर चीनी मूल की कंपनी बाइटडांस के साथ लेन देन पर बैन लगाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को लेन-देन संबंधित बैन लगाने की घोषणा की है। इसके बाद यह तय माना जा रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट के साथ डील अधर में रह जाएगी। यह आदेश इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट के तहत दिया गया है।
गौरतलब है कि ट्रम्प ने भी भारत की तरह ही अपने बयान में टिकटॉक को राष्ट्रीय खतरा बताया था। आदेश में कहा गया है कि इस डेटा संग्रह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकियों की व्यक्तिगत और मालिकाना जानकारी तक पहुंचाने की अनुमति मिलती है। संभव है कि यह चीनी एप्प संघीय कर्मचारियों और ठेकेदारों को ट्रैक कर, ब्लैकमेल करने के लिए न सिर्फ व्यक्तिगत जानकारी के डोजियर बनाने की अनुमति देता है बल्कि कॉर्पोरेट जासूसी भी करने की अनुमति देता है।
इस फैसले के बाद यह स्पष्ट है कि अगर 15 सितंबर तक बाइटडांस ने अपने दोनों एप्प का बिज़नेस किसी अमेरिकी कंपनी को नही बेचा तो इसे अमेरिका में बैन कर दिया जाएगा। साथ ही अगर बिक्री होती है तो बिक्री का एक हिस्सा अमेरिकी कर दाताओं को मिलना चाहिए यह शर्त भी रखी गई है। अब देखना है इस कंपनी का क्या हश्र होता है।