दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार का “दिल्ली के अस्पतालों में होगा सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज” संबंधित फैसला आज पलट दिया है। इस आदेश में कहा गया था कि राज्य सरकार के अस्पतालों में दिल्ली से बाहर के व्यक्ति का इलाज नहीं होगा। उप राज्यपाल ने निर्देश दिया है कि दिल्ली के अस्पतालों में किसी को भी मना न किया जाए, जो भी इलाज के लिए आएं उसका इलाज किया जाए।
Directorate General of Health Services, GNCTD had issued an order dated on 2 June, wherein the requirement of testing asymptomatic direct and high-risk contacts of a confirmed case was changed from one prescribed by ICMR
— ANI (@ANI) June 8, 2020
दिल्ली के उपराज्यपाल ही दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) के अध्यक्ष भी हैं।इससे पहले केजरीवाल सरकार ने कहा था कि बाहरी लोगों का इलाज अब राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं होगा। दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में अब सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा। केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र वाले अस्पतालों जैसे एम्स समेत अन्य में कोई भी मरीज इलाज करा सकता है।
केजरीवाल के इस फैसले को विपक्षी दलों ने न सिर्फ मुद्दा बनाया बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने तो यहाँ तक पूछ डाला कि “दिल्लीवालों” की क्या परिभाषा है? क्या राष्ट्रीय राजधानी में किसी जरुरी काम से आया व्यक्ति बीमार होता है तो दिल्ली सरकार के अस्पताल उसका इलाज नहीं करेंगे? वहीँ बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।
मुझे लगा कि अगर किसी व्यक्ति ने जन आरोग्य योजना / आयुष्मान भारत में नामांकित किया है, तो वह भारत में कहीं भी, किसी भी अस्पताल, सार्वजनिक या निजी अस्पताल में इलाज करा सकता है?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 8, 2020
क्या केजरीवाल ने घोषणा करने से पहले कानूनी राय ली?