फ्रांस इन दिनों व्यापक विरोध प्रदर्शन का गवाह बन रहा है। पेरिस की गलियां जनता से अटी पड़ी हैं। हज़ारों की संख्या में लोग सड़कों पर हैं और सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं। यह सब कुछ हुआ है पेट्रोल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में हुई वृद्धि के बाद। सरकार द्वारा लागू किये गए टैक्स के विरोध में हज़ारों लोग एकदम से जुट गए और देखते ही देखते हालात बिगड़ने लगे। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि सरकार को 500 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेना पड़ा। पुलिस प्रवक्ता की मानें तो इस आंदोलन में 36000 से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे हैं।
अब इसी परिपेक्ष्य में भारत की बात करें तो यहां भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जनता त्रस्त है। विरोध के स्वर भी काफी मुखर हुए हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनों में इससे राहत तो मिली है लेकिन अब भी इसे तात्कालिक ही माना जा रहा है। विपक्ष भी इसको लेकर सरकार पर हमलावर है। हालांकि अभी तक फ्रांस जैसे हालात फिलहाल भारत मे नही हैं। फ्रांस में भी गृहयुद्ध और हिंसा के हालात एक दिन में नही बनें। जिस तरह भारत मे लगातार बढ़ती पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है ठीक उसी तरह कुछ फ्रांस में हुआ। इज़के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा।
फ्रांस में स्थिति को देखते हुए वहां के राष्ट्रपति ने आपात बैठक बुलाई है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों और विपक्षी नेताओं से प्रधानमंत्री मुलाकात कर उनकी मांगों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि भारत मे ऐसे हालात बनें इससे पहले ही सरकार को जागने और उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।