दुनिया का हर शक्तिशाली देश आज भारत जैसे विकासशील देशों की तरफ नजर उठाये देख रहे हैं। इज़के पीछे वजह कोई भी हो लेकिन इतना तय है कि भारत को आज विश्व परिदृश्य में एक साझेदार के रूप में गिना जाने लगा है। इसके पीछे सफलता केंद्र सरकार की हो या उसकी विदेश नीति की या कुछ भी। हालांकि इसी परिदृश्य में पाकिस्तान काफी पीछे है। न सिर्फ उसकी अर्थव्यवस्था बदहाल है बल्कि कई अन्य मामलों में भी वह पीछे है। खास कर आतंकवाद के मुद्दे पर कई देश भारत के समर्थन में उसे अलग-थलग करने को तैयार हैं। इसी बीच अहम बयान रूस की तरफ से आया है।
यह बयान भारत-रूस रिश्तों में बढ़ती गर्मजोशी के लिए न सिर्फ अहम है बल्कि अमेरिकी दबाव के बावजूद S-400 डील को मंजूरी देना दोनो देशों की प्रतिबद्धता को दिखाता है। अब बयान की बात करते हैं। भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने साफ कर दिया कि भारत और रूस का साझा प्रयास यह है कि पाकिस्तान में स्थिरता लाई जाए और इस दिशा में काम चल रहा है। भारत के सामने पाकिस्तान से रूस के संबंध लगभग ‘शून्य’ है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रूस के संबंध ‘रणनीतिक और दीर्घकालिक’ हैं। पाकिस्तान के संबंध में उनके इस बयान से यह साफ है कि पाकिस्तान की कीमत पर रूस भारत से अपने संबंध खराब नही करेगा। इस बयान से यह भी स्पष्ट है कि रूस-पाक के नजदीक आने की खबरों में कोई दम नही है और यह महज रस्म-रिवाज की परंपरा निभाने जैसा है।