पाकिस्तान भले बदनाम है लेकिन जो आज हुआ वह भारत से बेहतर है, पढ़ें क्या और कैसे?

दुनिया भर के देशों में जब भी दुश्मनी और इसकी इबारत लिखी जाती है या जाएगी भारत पाकिस्तान की दुश्मनी सबसे आगे होगी। इसमे न किसी को कोई संदेह है न कोई वजह है। हालांकि इन सब के बीच पाकिस्तान में आज हुए एक घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भले ही वह एक अच्छा पड़ोसी न हो, भले उनकी पहचान आतंक के आका के रूप में है, भले वह दुनिया भर में भारत से कहीं पीछे नजर आते हैं, भले अंतरराष्ट्रीय मंच पर उन्हें मुंह की खानी पड़ती है, भले ही वह हर मोर्चे पर भारत से पिछड़ा है लेकिन इन सब के बीच इतना तो तय है कि एक ऐसा मुद्दा है जिसमे वह भारत से आगे है।

आज ऐसे ही एक घटनाक्रम के साथ कुछ पुरानी बातों का प्रमाण हम आपको बताएंगे जिससे आप भले पूरी तरह सहमत न हों लेकिन नकार भी नही पाएंगे। आज का दिन पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल लाने वाला दिन था। ऐसा इसलिए था क्योंकि पूरे पाकिस्तान सहित दुनिया की नजरें आज वहां के कानून और नवाज शरीफ के साथ उनकी बेटी मरियम शरीफ पर टिकी थी।

इसकी कहानी हम आपको आगे बताएंगे लेकिन इससे पहले बता दें कि आज पाकिस्तान का लाहौर शहर अभेद किले में ताब्दील था। 10 हज़ार जवान शहर को घेरे खड़े थे। मौका था कोर्ट के आदेश की तामील का। आदेश भी किसी ऐसे-वैसे के खिलाफ नही था। यह व्यक्ति था अब से कुछ महीने पहले तक पाकिस्तान का प्रधानमंत्री रह चुका नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम शरीफ, इन दोनों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10 साल कैद और जुर्माना की सजा सुनाई थी।


दोनो ही चाहते तो ब्रिटेन में थे और वहीं रह कर बच सकते थे लेकिन दोनों ने कोर्ट के फैसले का सम्मान किया और पाकिस्तान लौटे। एयरपोर्ट पहुंचते ही दोनो को गिरफ्तार कर लिया गया। कभी जिस हेलीकॉप्टर में नवाज पीएम की हैसियत से बैठते थे आज उसी में एक कैदी की है हैसियत से बैठे। खैर अब बात भारत की करते हैं कि हम कहाँ पीछे छूट गए?

तो आपको बता दें कि नवाज और मरियम को जिस पनामा पेपर्स लीक मामले में पहले पाकिस्तान की सत्ता से,फिर दौलत से और अब शोहरत से हाथ धोना पड़ा उसमे कई भारतीय भी थे। कई बड़े नाम भी थे लेकिन कुछ नही हुआ। वहीं पाकिस्तान में इस मामले ने सत्ता के शीर्ष सिंघासन को हिला दिया और नवाज आज जेल में हैं। ऐसे ही कई मामले हैं जहां पाक की कानून व्यवस्था हमसे आगे है। जैसे बलात्कार के आरोपियों को फांसी की सजा सुनाने में। खैर पाक से हमें इस मामले में सीखने की जरूरत है।

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