डूबता बिहार, मस्त सरकार

​बिहार के हर जिले में रोज कम से कम दो से पांच हत्या की खबर किसी न किसी माध्यम से पढ़ने,देखने,सुनने को मिलती है,यह सिलसिला पिछले कुछ महीनो से लगातार जारी है,सरकार अपने शराबबंदी के फटे हुए ढोल को सुहाना दर्शाने में जी जान से लगी है,प्रशाशन शराब बंदी के नाम पर गाड़ियों से अवैध वसूली,और आम जनता को तंग करने से ज्यादा किसी काम का नहीं है।नितीश जी झारखण्ड,दिल्ली,उत्तर प्रदेश में अपने शराबबंदी के फायदे गिनाने में लगे है,अरे,साहब जरा अपने राज्य के सड़क,शिक्षा,अपराध,विकास,प्रशाशन तथा अन्य कार्यों के आंकड़ों को भी खुद कबूल कीजिये,उनपर नजरें इनायत कीजिये और फिर भी इन भयवाह आकड़ों को देखने के बाद आपके जमीर में दम हो तो आप दूसरे राज्यों के लोगों को बताइये और फिर शराबबंदी का ढोल पीटिये।

बिहार से ज्यादा शराब पीने वाले कई राज्य हैं,उनकी आबादी,कमाई सब ज्यादा है लेकिन अपराध पर नियंत्रण भी आपसे ज्यादा है।या तो आप महागठबंधन के धर्म में अपना सत्यानाश करने में लगे हैं या आपको राजनीती की मजबूरियों की वजह से अपनी आँख बंद रखनी पड़ रही है,वजह आप ही जानें लेकिन जनता त्रस्त है आपसे कुछ हो तो करें नहीं तो रही बात शराब की वो आज भी हर घर तक पिज़्ज़ा की तरह पहुँच रही है।आपके पार्टी के नेता और आपके प्रशाशन की मदद से अगर चाहें तो खुद किसी तरह आंकड़ें प्राप्त करें झारखण्ड उत्तरप्रदेश के बेवरीज गोदामों में शराब की कमी हो गई है यही सब बताने को काफी है।अपराध और अपराधी ऐसा न हो आपके राजनीती और आपके गठबंधन को लें डुबे, अभी भी वक़्त है साहब जनता ने जिस उम्मीद और विश्वास से आपको चुना है,उसे पूरा करने के लिए काम करें जबरदस्ती बाँस बजाने से कुछ हासिल नहीं होना है।

विजय राय

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