राजनीतिक दलों और नवताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाने का दौर पुराना है। लोकतंत्र और राजनीति की शायद यही खूबी भी है यही वजह है कि चुनावी माहौल हो या लोकसभा का सत्र नेताओं के बीच कभी-कभी खूब तल्खी देखने को मिलती है लेकिन यह निजी दुश्मनी न होकर वैचारिक मतभेद तक होती है। इसी क्रम में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और पीएम मोदी के बीच ऐसे दौर अक्सर देखने को मिलते हैं जब दोनों नेता एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहते हैं।
इसी क्रम में अभी कुछ दिनों पहले की बात है जब पीएनबी घोटाले और उसके आरोपी नीरव मोदी को लेकर राहुल ने मोदी पर जम कर निशाना साधा। राहुल ने अपने बयान में तब कहा था कि मोदी जी देश ने आपको सिर्फ भाषण देने के लिए पीएम नही बनाया है। आप खुद को चौकीदार बताते हैं लेकिन आप के ही रहते एक व्यक्ति देश के गरीबों का हज़ारों करोड़ लेकर फरार हो गया और आप कुछ न कर सके। राहुल ने अपने बयान में यह भी कहा था कि इतने बड़े घोटाले पर पीएम ने एक शब्द नही कहा । हालांकि बाद में मोदी ने इस बयान पर अप्रत्यक्ष रूप से जवाब देते हुए कहा कि इस आर्थिक अनियमितता के दोषी बख्शे नही जाएंगे।