इंडोनेशिया के बाली द्वीप समूह स्थित अगुंग पर्वत पर पुराने ज्वालामुखी के सक्रिय होने की खबरों ने नागरिकों की सुरक्षा और टूरिस्टों से गुलजार रहने वाले स्थान के प्रति सरकार को चिंता में डाल दिया है। पर्वत पर ज्वालामुखी के सक्रिय होने की खबरों के बीच वहां से करीब डेढ़ लाख नागरिकों और 10 हज़ार से अधिक जानवरों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। यह नागरिक फिलहाल सरकार द्वारा संचालित 500 कैम्पों में रहने को बेबस हैं।
यह ज्वालामुखी अंतिम बार साल 1963 में एक साल तक सक्रिय हुआ था। इस दौरान करीब 1100 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 12 किलोमीटर का क्षेत्र प्रभावित हुआ था। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए इस बार इसके अगस्त में सक्रिय होते ही प्रशासन ने एहतियातन लोगों से इस क्षेत्र को खाली कराने की रणनीति अपनाई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार इस पर्वत में अगस्त से ही कंपन शुरू हो गई थी और धुंआ उठने लगा था जो कि 50 से 200 मीटर तक की ऊंचाई तक पहुंच गया है। जिसके बाद इसके कभी भी सक्रिय होने का अंदेशा जताया गया था। इसके सक्रिय होने और खतरे के बीच भी लोगों में इसके शांत होने को लेकर विश्वास दिख रहा है यही वजह है कि पूजा-पाठ का दौर भी शुरू हो चुका है।