कोरोना महामारी के इस दौर में हर दिन बुरी खबरों के आने का सिलसिला जारी है। ऐसे में अगर कोई आपसे कहे कि एड्स जैसी लाइलाज और जानलेवा बीमारी से कोई मरीज बिना किसी दवाई और इलाज के ठीक हो गया तो शायद ही आप इस बात पर यकीन कर पाएंगे। हालांकि यह खबर पूरी तरह सच है और इसलिए हमने इसे पॉजिटिव न्यूज़ माना है।
26 अगस्त को साइंस मैगजीन नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जब अपने आप एचआईवी के ठीक होने का मामला सामने आया तो डॉक्टरों ने सबसे पहले उस व्यक्ति के शरीर में मौजूद 150 करोड़ कोशिकाओं की जांच की, लेकिन उसके शरीर में एचआईवी के सक्रिय वायरस उन्हें नहीं मिले। इस मरीज का नाम EC2 रखा गया था। इससे पहले EC1 नाम के मरीज में 100 करोड़ कोशिकाओं की जांच की गई थी और उसमें एड्स का एक निष्क्रिय वायरस पाया गया था।
इन दोनों ही मरीजों को वैज्ञानिकों ने नाम दिया है एलीट कंट्रोलर्स। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन्होंने अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से इस बीमारी से निजात पा लिया। इन्हें किसी भी तरह के इलाज या दवाई की जरूरत नही पड़ी। आपको बता दें कि दुनिया में करीब 3.50 करोड़ लोग एचआईवी से संक्रमित हैं, जिसमें से 99.50 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जिन्हें हर रोज एचआईवी की दवा यानी एंटीरेट्रोवायरल दवा लेनी पड़ती है, क्योंकि बिना दवा के इस वायरस पर नियंत्रण लगभग नामुमकिन है।