भारत ने आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों की विदेशी अर्थव्यवस्था और विदेश व्यापार संभालने वाले मंत्रियों की 19वीं बैठक की मेजबानी की।
बैठक की शुरुआत करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोविड-19 के कारण मौजूदा संकट, एससीओ देशों की आर्थिक ताकत का लाभ उठाने और क्षेत्र में व्यापार और निवेश बढ़ाने वाली साझेदारी का पता लगाने के लिए एक स्पष्ट आह्वान है।
उन्होंने कहा कि एससीओ देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए सहयोग जारी रखा जाना चाहिए, जो महामारी के बाद तेज गति से विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। श्री गोयल ने कहा कि प्रत्येक देश का वैश्विक दृष्टिकोण उसकी सभ्यता और दार्शनिक परंपरा से जुड़ा होता है। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन बुद्धिमत्ता दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है –वसुधैव कुटुम्बकम्।
केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। वर्चुअल बैठक में एससीओ के महासचिव और किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के मंत्रियों ने भाग लिया।
बैठक में चार दस्तावेजों को अंगीकृत किया गया। ये हैं:-
- कोविड-19 का मुकाबला करने पर वक्तव्य। यह दवाओं तक पहुंच और व्यापार की सुविधा के लिए अधिक सहयोग की आवश्यकता को पुष्ट करता है।
- एससीओ देशों के मंत्रियों की बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर वक्तव्य, जो डब्ल्यूटीओ के भी सदस्य हैं। यह वक्तव्य नियमों पर आधारित बहुपक्षीय वार्ताओं के महत्व पर प्रकाश डालता है।
- बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के सम्बन्ध में एससीओ सहयोग पर वक्तव्य। यह बौद्धिक संपदा के सहयोग से संबंधित है और इसमें कानून और प्रवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर जानकारी / अनुभव साझा करना शामिल है।
- एमएसएमई के क्षेत्र में एससीओ की रूपरेखा के अंतर्गत सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एमओयू को लागू करने की कार्य योजना। यह एमएसएमई उद्यमों के बीच सहयोग के क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करता है, जिसमें शामिल हैं- सूचनाओं का आदान-प्रदान, कार्यक्रमों का आयोजन और अनुसंधान तथा क्षमता निर्माण पर सहयोग।
श्री गोयल ने निष्कर्ष के रूप में कहा कि बैठक के सभी परिणाम एससीओ की एकजुटता के लिए महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं।